बारह महीनों की व्रत कथाएँ

बारह महीनों की व्रत कथाएँ 1. चैत्र का महीना यह हिंदू कैलेंडर का पहला महीना है। इसी महीने से गर्मी का मौसम शुरू हो जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह महीना मार्च-अप्रैल में पड़ता है। 2. बैसाखी का महीना यह हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना है। यह महीना अंग्रेजी कैलेंडर के अप्रैल-मई के महीने […]

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AGRAWAL PERSONALITIES

PERSONALITIES WHO HAVE BEEN AWARDED WITH ‘BHARAT RATNA’ • DR. SHREE. BHAGAWAN DAS PERSONALITIES WHO HAVE BEEN AWARDED WITH ‘PADAMBHUSHAN’ SHREE. DR. BHARATRAMJI SHREE. DR. B. K.GOYAL SHREE. GUJARMALJI MODI SHRIMATI. JANKIDEVIJI BAJAJ SHREE. KAKAJI HATHRASI SHREE. DR. JAIKRISHANAJI SHREE. KAISHAVPRASADJI GOYANKA SHREE. VISHANUPRASADJI AGRAWAL SHREE. GHANSHYAMDASJI GOPAL SHREE. O. P. MITTAL SHREE. HANUMANDASJI KATDOI

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एक वसीयत के लिए गवाह कौन हो सकता है?

वसीयत एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है, जिसमें वसीयत बनाने वाला व्यक्ति (वसीयतकर्ता के रूप में जाना जाता है) व्यक्ति कहता है कि उसकी मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति कैसे हस्तान्तरित की जाएगी। वसीयत वैधता सुनिश्चित करने के लिए वसीयत को सावधानीपूर्वक निष्पादित करना महत्वपूर्ण है। इस अनुच्छेद में हम देखेंगे कि एक वसीयत के लिए

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वह सब जो आपको वसीयत बनाने के लिए जानना चाहिए

एक पुरानी कहावत हैः जहां चाह, वहां राह। लेकिन एक उचित प्रकार से तैयार वसीयत के अभाव में आगे की राहें कई बार न केवल अनेकों बन जाती हैं बल्कि मुस्किल भी हो सकती हैं। बिड़ला परिवार, रैनबैक्सी परिवार, अम्बानी भाईयों या अपने पड़ोस के अंकल से पूछें। वे सभी सहमत होंगे कि पूरी दुनिया

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राजा अग्रसेन के सिद्धांत

अग्रसेन महाराज ने अपने आने वाली पिढियों के लिए 20 सिद्धान्त तय किए जो अग्रांकित हैं:-1. कृषि के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति2. गाय व अन्य जीव जन्तुओं की रक्षा3. देश के बेहतर विकास में व्यापार के माध्यम से योगदान4.कुलदेवी महालक्ष्मीजी की आराधना के लिए धनोपार्जन5. अहिंसा का पालन6. असहाय व जरुरतमंदों की सेवा7. अपने धर्म

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राजा अग्रसेन की आरती

https://youtu.be/COPrTmLEttI https://youtu.be/SUV3-KxJi-4 Maharaja Agrasen Ji Aarti: अग्रसेन जी की आरती जय श्री अग्र हरे, स्वामी जय श्री अग्र हरे..! कोटि कोटि नत मस्तक, सादर नमन करें ..!! जय श्री! आश्विन शुक्ल एकं, नृप वल्लभ जय! अग्र वंश संस्थापक, नागवंश ब्याहे..!! जय श्री! केसरिया थ्वज फहरे, छात्र चवंर धारे! झांझ, नफीरी नौबत बाजत तब द्वारे ..!!

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क्या अग्रसेन हमारे पिता थे ?

क्या सचमुच में राजा अग्रसेन हमारे पिता थे? हम सभी अग्र बंधुओं के बीच में एक मान्यता प्रचलित है, कि हम सभी राजा अग्रसेन की संतान हैं। और उन के 18 पुत्रों के साढ़े सत्रह गोत्रो से हमारी स्थापना हुई है । ऐसी मान्यता है, कि राजा अग्रसेन ने यज्ञ करके 18 ऋषियों के नाम

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Agrawal Gotra Details

महाराज अग्रसेन ने अग्रोहा के गणतंत्र राज्य की स्थापना की। अग्रोहा में 18 राज्य इकाइयाँ शामिल थीं। प्रत्येक राज्य इकाई के प्रमुख को एक गोत्र दिया गया। उस गोत्र के द्वारा उस विशेष राज्य इकाई के सभी निवासियों की पहचान की गई। यह महाराज अग्रसेन द्वारा बनाए रखा गया था कि एक ही गोत्र में

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